अक्सर कई लोगों को कमर के नीचे दर्द होने लगता है। ज्यादातर लोग इस दर्द को यह करके अनदेखा कर देता है कि यह ज्यादा काम करने की वजह से हो रहा होगा। लेकिन जिसे आप आम दर्द करके नजर अंदाज कर रहे है वह साइटिका भी हो सकता है।

आमतौर पर यह आपके शरीर के केवल एक तरफ को प्रभावित करता है। इसका सबसे आम एक हर्नियेटेड या स्लिप्ड डिस्क है जो तंत्रिका जड़ पर दबाव का कारण बनता है। साइटिका से पीड़ित अधिकांश लोग समय और स्वयं की देखभाल के उपचार के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। अब आपके मन में यह सवाल ज़रूर आ रहा होगा कि साइटिका बीमारी के लक्षण क्या होते हैं, तो आप ऐसे ही सवालों के उत्तर पाने के लिए इस ब्लॉग को पढ़कर पा सकते है।

सायटिका क्या है? (Sciatica Meaning in Hindi)

Sciatica Meaning in Hindi

एक ऐसी नस जो कुल्हे से लेकर पैर के पिछले हिस्से से लेकर एडी तक जाती है।आमतौर पर यह पैर के पीछे और संभवतः पैर में महसूस होता है। यह एक हर्नियेटेड डिस्क,अपक्षयी डिस्क रोग और लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस सहित सामान्य स्थितियों के कारण होता है। सायटिका निदान के बजाय एक वर्णनात्मक शब्द है। इसलिए साइटिका शब्द का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह रेडिकुलोपैथी का वर्णन करता है यह तब होता है जब एक या एक से अधिक तंत्रिकाएं जो बड़े साइटिका तंत्रिका को बनाती हैं। साइटिका के अधिकांश मामले समय और रूढ़िवादी (नॉनसर्जिकल) देखभाल के साथ ठीक हो जाएंगे।

हालांकि, कुछ साइटिका लक्षण जैसे कि प्रगतिशील कमजोरी, पैर की सनसनी और असंयम की हानि, साइटिका तंत्रिका को संभावित गंभीर चोट का संकेत दे सकती है और सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

साइटिका के कारण (Reasons of Sciatica in Hindi)

Reasons of Sciatica in Hindi

  1. मधुमेह
  2. वजन ज़्यादा होना
  3. नियमित रूप से व्यायाम नहीं करना
  4. ऊँची एड़ी के जूते पहनना
  5. ऐसे गद्दे पर सोना जो बहुत सख्त या बहुत नरम हो
  6. किसी भी प्रकार से कमर पर झटका लगना
  7. उपवास अधिक करना
  8. कमर पर चोट लगना
  9. अत्यधिक खड़े रहना या चलने का काम करने वालों को
  10. अत्यधिक व्यायाम या जिम करने वालो को
  11. अधिक भार उठाने पर।
  12. कठिन बिस्तर पर सोना
  13. अत्यधिक गाड़ियों की सवारी करना

साइटिका बीमारी के लक्षण (Symptoms of Sciatica Pain in Hindi)

Sciatica pain reasons in Hindi

  1. पीठ के निचले और पैर के नीचे मध्यम से गंभीर दर्द महसूस होना
  2. पीठ के निचले हिस्से पैरों में सुन्नपन या कमजोरी होना
  3. पैर की उंगलियों में पिन और सुई जैसा महसूस होना
  4. आंत्र और मूत्राशय पर नियंत्रण का नुकसान होना
  5. बैठने पर पैर के दर्द का बढ़ना
  6. चलने में तकलीफ होना

साइटिका के इलाज (Sciatica Treatment in Hindi)

1. व्यायाम करना (To exercise)

To exercise

दर्द होने पर व्यायाम करना अस्वाभाविक लग सकता है। लेकिन व्यायाम एक प्रकार की क्रिया है जो मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिए की जाती है। यह मानव शरीर के लिए जरुरी है कि वो खुद को स्वस्थ रखे। वैसे भी आज के युग में बहुत सी बीमारियां ऐसी है जिनके बारे में हमने इससे पहले कभी नहीं सुना था की ऐसी बीमारी भी मानव शरीर में हो सकती है। व्यायाम वो क्रिया है जिसे करके इंसान अपने शरीर को होने वाली कई बीमारियों से बचा सकता है। लेकिन शोध बताते हैं कि बहुत अधिक आराम करने से आपकी पीठ और पैर के लक्षण बढ़ सकते हैं।

इसके बजाय अपने साइटिका को कम करने के लिए अपने दिन में कोमल व्यायाम शामिल करें। लेकिन व्यायाम दर्दनाक या ज़ोरदार नहीं होना चाहिए। जैसे ब्लॉक के चारों ओर घूमना शारीरिक गतिविधि का एक बेहतरीन उदाहरण है जो बिना किसी अतिरिक्त नुकसान के आपकी रीढ़ को मजबूत रखता है। आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के अलावा व्यायाम दर्द की आपकी धारणा को कम करने के लिए एंडोर्फिन की रिहाई को ट्रिगर करता है।

2. Knee Pillow का इस्तेमाल करें

Use Knee Pillow

स्लीपिया मल्टीयूज नी सपोर्ट मेमोरी फोम पिलो (Knee Support Memory Foam Pillow) जोड़ों के दर्द, गर्भावस्था के दर्द, सर्जरी के बाद की देखभाल और कूल्हे की समस्याओं से अच्छी राहत प्रदान करता है।

विशेषताएं

  • स्लीपिया मल्टीयूज घुटने मेमोरी फोम तकिया 100% शुद्ध, विश्व स्तरीय उच्च घनत्व फोम से बना है
  • यह पूरी रात आराम और समर्थन देता है
  • यह आराम से फिट बैठता है और घुटने का आकार लेने के लिए अच्छी तरह से ढल जाता है
  • स्लीपिया मेमोरी फोम घुटने का तकिया रात में पीठ और कूल्हे के दर्द से राहत के लिए परफेक्ट है

3. आइस पैक और हीटिंग पैड का इस्तेमाल

Use Ice Pack and Heating Pad

हीट या कोल्ड थेरेपी प्राथमिक सहायक चिकित्सा के रूप में फायदेमंद होती है, लेकिन लोग अक्सर इस उपचार को नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि यह सरल सस्ता और आसानी से उपलब्ध है। अगर आप बारी-बारी से हीट और आइस थेरेपी का इस्तेमाल करते है तो इससे साइटिक नर्व के दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है। बर्फ सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जबकि गर्मी दर्दनाक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को प्रोत्साहित करती है।

गर्मी और बर्फ भी दर्दनाक मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद कर सकते हैं जो अक्सर सायटिका के साथ होती हैं। दर्द वाली जगह पर हर घंटे में एक बार 15 मिनट के लिए आइस पैक लगाएं और फिर हर 2 या 3 घंटे में 15 मिनट के लिए हीट लगाएं। गर्मी या बर्फ का उपयोग करते समय अपनी त्वचा की रक्षा के लिए हमेशा एक बाधा (एक तौलिया की तरह) का उपयोग करना याद रखें, और गर्मी या बर्फ चिकित्सा का उपयोग करते समय कभी न सोएं।

4. सर्जरी कराना (undergo surgery)

undergo surgery

जब सायटिका दर्द में किसी भी तरीके से आराम नहीं मिलता है, तब सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है। डॉक्टर सर्जरी में हर्नियेटेड डिस्क के खराब वाले हिस्से को निकालकर उसकी जगह पर आर्टिफिशल हिस्सा लगाते हैं। जिससे आपको आराम मिलना शुरु हो जाता है।

5. अदरक (Ginger)

Ginger

अदरक में बहुत सारे विटामिन्स के साथ-साथ मैग्नीज और कॉपर भी पाए जाते हैं।जिनकी शरीर को सुचारु रूप से चलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अदरक कई सारे गुणों की खान है और इसे विभिन्न तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है, पर अदरक का ज्यूस का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा तरीका समझा जाता है। सबसे पहले अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।  इसके बाद अब इसे मिक्सर में डालकर अच्छी तरह से पीस लें।अच्छी तरह से पिस जाने के बाद अदरक के पेस्ट को निकाल लें। उसके बाद इस पेस्ट को किसी साफ सूती कपड़े में रखकर इसका रस अलग कर लें। अब इस रस में नींबू और शहद मिलाकर सेवन करें। इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराएं। ऐसा करने से आपको लाभ जरुर मिलेगा।

6. हल्दी (Haldi)

Haldi

हल्दी हम सबकी रसोई में आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्री है। बरसों से भोजन व घरेलू उपचार के रूप में हल्दी का उपयोग होता रहा है। इसका रंग खाने का रूप और स्वाद दोनों बदल देता है। इसकी तासीर गरम होती है। हल्दी प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट आदि गुणों से भरपूर है। तिल के तेल में हल्दी पाउडर मिलकर पेस्ट बना लें। इसके बाद अब प्रभावित स्थान पर इस पेस्ट को लगाएं और हल्के हाथ से मसाज करें। इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराएं। ऐसा करने से आपको लाभ जरुर मिलेगा।

एक शोध में पाया गया है कि हल्दी में नर्व रिजनरेशन यानी तंत्रिका तंत्र को ठीक करने की क्षमता पाई जाती है। वहीं हल्दी के उपयोग से साइटिक नर्व में क्षति को भी ठीक करने में मदद मिल सकती है। इस कारण हम कह सकते हैं कि हल्दी से साइटिका का घरेलू इलाज सकारात्मक प्रभाव दे सकता है।

साइटिका के लिए तेल

साइटिका अन्य स्थितियों जैसे गर्भावस्था, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, काठ का पंचर (रीढ़ की हड्डी), या दुर्घटनाओं में रीढ़ की हड्डी की चोट के कारण भी हो सकता है। इससे दर्द आपके शरीर के निचले आधे हिस्से में फैल सकता है और चलने में मुश्किल हो सकता है। साइटिका स्लिप डिस्क से लेकर मांसपेशियों में ऐंठन तक किसी भी चीज के कारण हो सकता है जो अटक गई है।

साइटिका के कारण पीठ के निचले हिस्से, नितंब और पैर में दर्द हो सकता है। साइटिका का कोई निश्चित कारण नहीं है, लेकिन यह कई कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • कटिस्नायुशूल तंत्रिका को चोट
  • आसपास की मांसपेशियों और प्रावरणी की जकड़न या सूजन
  • मोटापा
  • गर्भावस्था
  • मधुमेह

और अगर आपको साइटिका है, तो साइटिका के लिए तेल का प्रयोग कीजिये। नारियल तेल या सरसों के तेल के अलावा, निर्गुन्डी औषधि, दशमूल तेल, प्रसारिणी तेल, महानारायण तेल, सहचारी तेल, तिल का तेल का उपयोग कर सकते हैं। ठंड के दिनों में साइटिका का दर्द (Saitika Ka Dard) ज्यादा परेशान करता है। आप सरसों के तेल को थोड़ा गर्म कर लें फिर इस्तेमाल करें।

इस प्रकार अगर आप साइटिका से राहत पाना चाहते है तो इस ब्लॉग को पढ़कर के आप इसे अपने जीवन में इस्तेमाल कर सकते है। साइटिका से जुड़ी जो भी बाते बताई गई है। अगर आप उसे अपने जीवन मे उतारते है तो तत्काल आप इससे राहत भी पा सकते हैं।